मानसिक रोग क्या हैं ?

मानसिक रोग आज हर देश की सबसे बड़ी समस्या में से एक हैं। क्योकि जितनी तेजी से दुनिया आगे बढ़ रही हैं। उतनी ही तेजी से रोग भी फ़ैल रहा हैं। जो एक बहुत ही गभींर समस्या हैं। आने वाले वक्त में मानसिक रोग विकसित और विकाशील देशों की सबसे बड़ी रोग में से एक होगी। मानसिक रोग मनोवैज्ञानिक रूप से एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या हैं। जो एक सामान्य व्यक्ति के विवेक और व्यवहार पर असर डालती हैं।

मानसिक रोग व्यक्ति के उस अवस्था को कहते हैं – “जिसमे व्यक्ति की भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता हैं। तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं।” मानसिक रोग विशेषज्ञ के अनुसार – “मानसिक रोग के लक्षण, हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। ये इस बात पर निर्भर करता हैं कि उस व्यक्ति को कौन-सी मानसिक बीमारी है। मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है, फिर चाहे वह आदमी हो या औरत, लड़का हो या फिर लड़की हो, जवान हो या बुज़ुर्ग हो, पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़ हो, या चाहे वह किसी भी संस्कृति का हो, जाति का हो, धर्म का हो, या किसी तबके का हो।” अगर मानसिक रोगी अच्छी तरह अपना इलाज करवाए, तो वह ठीक हो सकता है। वह एक अच्छी और खुशहाल ज़िंदगी को जी सकता है। और वह अपने परिवार को खुश रख सकता हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में लोग सलाह करवाने से डरते हैं क्योंकि कि लोग उन्हें पागल समझेंगे और समस्या बढ़ जाती है।”

सामान्य व्यक्ति में दिखाई देने वाले कुछ मानसिक रोग इस प्रकार हैं। जैसे :-

  1. तनाव
  2. चिंता
  3. भूलने की बीमारी
  4. याददाश्त कमजोर
  5. डर
  6. भ्रम

मानसिक रोग के लक्षण ?

मानसिक के लक्षण व्यक्ति के अवस्था पर निर्भर करता हैं। मानसिक रोग के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग होता हैं। मानसिक के लक्षण निम्न हैं।

  1. अवसाद
  2. द्विध्रुवी विकार
  3. उदास रहना
  4. व्याकुल होना
  5. मनोदशा में परिवर्तन
  6. खाने की आदतों में परिवर्तन
  7. बुरी आदतों का लग जाना जैसे शराब या नशीली दवाओ का सेवन
  8. थोड़े से काम को करने के बाद थकान महसूस होना
  9. किसी एक चीज़ पर ध्यान क्रेन्द्रित न कर पाना
  10. दूसरों की बातों को नज़रअंदाज़ करना
  11. वास्तविक जीवन से अलग अपने आप में खोये रहना
  12. हर समय डर के भावना में जीवन व्यतीत करना

मानसिक बीमारी का कारण ?

मानसिक बीमारियों के कई कारण हो सकते हैं, जो व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। ये कारण व्यक्ति के अनुभव, जीवनशैली, जीवन के सामाजिक पहलुओं, जीवन में हुए घटनाओं और बाधाओं जैसे कई प्रतिबंधों के कारण हो सकते हैं। कुछ मुख्य कारण निम्न हैं।

वातावरण – विषैले पदार्थ का सेवन,मादक पदार्थो का उपयोग करना। कभी-कभी औरतें गर्भ के दौरान तनाव हो जाता हैं। जिससे मानसिक बीमारी होने का ख़तरा बढ़ जाता हैं।

मनोवैज्ञानिक – जब कोई व्यक्ति अपने किसी प्रिय को खो देता हैं ,और वह उस बात को लेकर कुछ ज्यादा ही सोचने लगता हैं। जिससे उस व्यक्ति को मानसिक बीमारी होने का संभावना बढ़ जाता हैं। कभी-कभी यह भी देखने को मिला हैं की प्यार या शादी में असफ़ल व्यक्ति, आपसी संबंधों में तनाव की स्थिति होने पर भी व्यक्ति को मानसिक विकार हो जाता हैं।

आनुवांशिक – जब किसी परिवार में मानसिक विकार की समस्या उसके किसी पूर्वज को हुई रहती हैं। या परिवार के किसी सदस्य को हुई रहती हैं। तो उन लोगो के परिवार में मानसिक रोगी ज्यादे मिलते हैं। जैसे – मंदबुद्धि होना

सामाजिक – जब कभी व्यक्ति समाज के ताने सुनता चला जाता हैं तो उस व्यक्ति को मानसिक बीमारी हो सकती हैं। ताने व्यक्ति को कर्ज के लिए हो सकता हैं, परिवार के लिए हो सकता हैं, चल व अचल सम्पति के लिए हो सकता हैं आदि

आध्यात्मिक दुर्बलता – यह व्यक्ति के अन्तरंग तंत्र को कमजोर कर देती है जिससे वे स्वयं को रोक नहीं पाते जो अपने बेहतर होने के लिए आवश्यक होता है। और व्यक्ति अनावशयक रूप के कार्यों में पड़ जाता हैं। और उन कार्यों को करने लगता हैं। जिससे व्यक्ति मानसिक रोग के प्रभाव से ग्रसित हो जाता हैं।

मानसिक बीमारी का इलाज ?

मानसिक बीमारी के इलाज के लिए कुछ मुख्य उपाय हैं। निम्नलिखित तरीकों से आप अपनी मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।

ध्यान योगा :- ध्यान और योग आपके मन को शांत करते हैं और आपको स्थिरता और तनाव से मुक्त करते हैं।

प्रतिदिन व्यायाम करें :- व्यायाम से आपकी मानसिक तनाव दूर होता है और आपका मूड अच्छा होता है। रोजाना 30-40 मिनट का व्यायाम करना चाहिए। जिसे अगर व्यक्ति अपनी दिनचर्या में अपना ले तो व्यक्ति को कोई भी विकार नहीं होगा।

सही भोजन :- सही भोजन आपके मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। आपको फल, सब्जियां, अंडे, मटर, नट्स और अन्य प्रोटीन से भरपूर आहार लेना चाहिए। जब आप अगर अच्छे आहार का सेवन करेंगे तो आप कई बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे।

समय से सोएं :- आपके दिनचर्या में नियमित नींद लेना बहुत जरूरी है। आपको रात में कम से कम 6-7 घंटे की नींद लेनी चाहिए। और यदि आप छात्र हैं तो आप को 7-8 घंटे की नींद पूरी करनी चाहिए।

मनोरंजन :- मनोरंजन करना आपके मन को खुश रखता है। अपने आदत को पूरा करना, फिल्मे देखना, म्यूजिक सुनना या फिर कुछ और करना, जिसको करने के बाद आपका मन ताज़ा होता हो।

पंच तत्वों के साथ जुड़ना :- संतुलन कायम करने के सरल और सबसे बेहतर तरीकों में एक है, प्राकृतिक वातावरण में खूब शारीरिक गतिविधि करना। इसे बचपन से किया जाना चाहिए। एक और पहलू है, पूरी चेतनता में प्रकृति के पंचतत्वों – धरती, जल, वायु, धूप या अग्नि और आकाश के संपर्क में रहना चाहियें. क्योकि किसी ने ख़ूब कहा हैं। चिड़िया कितना भी असमान में उड़ ले,उसे आना तो ही धरती पर।

परिवार :- समय-समय पर अपने परिवार के सदस्यों, मित्रो, अपने शुभचिंतको से मिलते रहे। इससे एक सकारात्मक ऊर्चा का स्थानांतरण होता रहता हैं। और व्यक्ति का मस्तिष्क ताज़ा रहता हैं और व्यक्ति किसी भी विकार के चपेट में आने से बच जाता हैं।

चिंतामुक्त रहे :- चिंता और तनाव आपके मन को तकलीफ देता हैं। और आप यदि चिंतामुक्त रहते हैं तो आप अपने जीवन में आने वाली 20% समस्या को पहले ही हरा चुके होंगे।

इन सभी के साथ-साथ, आपको अपने मन को भी सक्रिय रखने की जरुरत हैं। मानसिक समस्याएं अक्सर नकारात्मक विचारों और लापरवाही से बढ़ती हैं। इसलिए, आपको अपने विचारों को सकारात्मक बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। और सकारात्मक लोगों के साथ रहना और सकारात्मक बातें करना चाहिए।

अंत में, यदि आपको लगता है कि आपकी समस्या गंभीर है और इन उपायों से आपको फायदा नहीं हो रहा है, तो आपको तुरंत अपने चिकित्सक से मिलना चाहिए। वे आपकी समस्या का समाधान निकालने में आप की मदद करेंगे।

मानसिक रोग का आयुर्वेदिक उपचार ?

मानसिक रोग के लिए आयुर्वेद में कई उपचार उपलब्ध हैं जो शारीरिक और मानसिक स्तर दोनों पर काम करते हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक उपचारों का उल्लेख किया गया है। जो किसी भी व्यक्ति को लेने पर इसका उस व्यक्ति को उचित लाभ मिलेगा।

आयुर्वेदिक दवाएं:- आयुर्वेद में मानसिक रोगों के लिए कई जड़ी बूटियों और औषधियों का उपयोग किया जाता है। इनमें शांति प्रक्रिया के लिए ब्राह्मी, शंखपुष्पी, अश्वगंधा और जटामंसी जैसी जड़ी बूटियां शामिल हैं।

योग:- आयुर्वेद के अनुसार, योग एक बहुत ही उपयोगी उपचार है जो मानसिक समता, शांति, और आंतरिक ऊर्जा के विकास में मदद करता है। योगासनों के लिए शिर्षासन, पश्चिमोत्तानासन, उत्तानासन और शवासन जैसे आसन शामिल हैं।

प्राणायाम:- योगासन और प्राणायाम मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। अधिकतम विश्राम और एकाग्रता के साथ, प्राणायाम आपके मन को शांत रखने में मदद करता है और उसे सकारात्मक रखता है। और आप अपने जीवन में नया कर पाएंगे।

ध्यान:- ध्यान भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। इससे आप अपने मन को शांत और स्थिर रख सकते हैं और सकारात्मक सोच को बढ़ावा दे सकते हैं। और सकारात्मक दिशा की ओर आगे बढ़ सकते हैं।

आहार:- स्वस्थ आहार का सेवन भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। आपको अपने आहार में फल, सब्जियां, अनाज, दूध आदि सेहतमंद चीजें शामिल करनी चाहिए। जिससे की आप अपनी सेहत को अच्छा रख पाए। और अपने जीवन में स्वास्थ्य समस्यों को दरकिनार कर पाए।

हर्बल उपचार:- कुछ हर्बल उपचार मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। जैसे कि अश्वगंधा, जटामांसी, शंकपुष्पी, जीरा आदि। ये हर्बल उपचार आपके मन को शांत और सकारात्मकता की ओर ले जाता हैं।

मसाज:- मसाज मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करता है और शरीर को आराम देता है। और व्यक्ति के शरीर को जब आराम मिलता हैं तो मन भी शांत रहता हैं। और व्यक्ति किसी भी मानसिक विकार होने से बचा रहता हैं।

स्वच्छता:- स्वच्छता भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। आपके आसपास की साफ़-सफाई और आपके शरीर की साफ़-सफाई भी आपके मन को शांत और स्वस्थ रखने में मदद करती है। और एक अच्छे स्वस्थ शरीर में ही एक अच्छे मन का वास होता हैं।

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